परिचय
बढ़ती हुई आबादी, कम होती ज़मीन और मिलावटी सब्ज़ियों के इस दौर में “Urban Farming” यानी छत पर खेती एक बेहतरीन और ज़रूरी विकल्प बनकर उभरा है।
अब खेती सिर्फ गांव की चीज नहीं रही, शहर की छतें भी अब हरी-भरी बन सकती हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि छत पर खेती कैसे शुरू करें, किन चीज़ों की जरूरत होती है, क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए, और कैसे इसे सफल बनाया जा सकता है।
छत पर खेती क्या है?

छत पर खेती यानी अपने घर की छत को एक छोटे खेत में बदल देना, जहाँ आप सब्जियाँ, हरे पत्ते, मसाले और फूल भी उगा सकते हैं।
इसे ही आजकल “Rooftop Farming” या “Urban Farming” भी कहा जाता है।
छत पर खेती शुरू करने के लिए ज़रूरी चीज़ें
1. साफ और मजबूत छत
- छत पर खेती के लिए जरूरी है कि वो मजबूत हो और उसमें वॉटरप्रूफिंग की गई हो।
- पानी रिसाव से बचने के लिए छत पर प्लास्टिक शीट या वाटरप्रूफ कोटिंग ज़रूरी है।
2. ग्रो बैग या गमले
- मिट्टी की जगह ग्रो बैग, टब, बाल्टी, प्लास्टिक ट्रे या पुराने कंटेनर का उपयोग करें।
- इन्हें छत पर हल्का और सुरक्षित रखना आसान होता है।
3. अच्छी मिट्टी और खाद
- 50% बगीचे की मिट्टी + 30% गोबर खाद या कम्पोस्ट + 20% बालू/कोकोपीट मिलाकर हल्की और उपजाऊ मिट्टी तैयार करें।
4. धूप और हवा की व्यवस्था
- छत पर 5–6 घंटे की धूप जरूरी है।
- अगर धूप बहुत तेज हो तो छांव के लिए शेड नेट लगा सकते हैं।
5. पानी की सुविधा
- एक छोटी पाइप, स्प्रे बॉटल या बाल्टी से सिंचाई करें।
- ज्यादा पानी देने से बचें, खासकर बरसात में।
छत पर कौन-कौन सी फसलें उगा सकते हैं?
फसल का नाम | लगाने का मौसम | विशेषता |
---|---|---|
टमाटर | सभी मौसम | कम जगह में अच्छे से बढ़ता है |
हरी मिर्च | गर्मी व बरसात | छत पर ग्रो बैग में उपज बढ़िया |
पालक/मेथी | सर्दी/बरसात | जल्दी तैयार होती है |
लौकी/कद्दू | गर्मी | बेल वाले पौधे छत के किनारे लगाएं |
धनिया | सभी मौसम | रोज़ाना उपयोग के लिए उपयोगी |
तुलसी/अजवाइन | सभी मौसम | औषधीय गुणों से भरपूर |
छत पर खेती के लिए आवश्यक उपकरण
- ग्रो बैग्स या गमले
- जैविक खाद (गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट)
- स्प्रे बॉटल / पाइप
- बीज या पौध
- कुदाल, छोटी फावड़ी
- मल्चिंग के लिए सूखे पत्ते
ध्यान देने योग्य बातें
- ज़्यादा वजन से छत को नुकसान न हो, इसलिए हल्के गमले और मिट्टी का प्रयोग करें
- पानी की निकासी (drainage) का विशेष ध्यान रखें
- फसल बदलते रहें ताकि मिट्टी में पोषक तत्व संतुलित रहें
- हर 15 दिन में जैविक खाद डालें
- नीम तेल का स्प्रे कीट नियंत्रण के लिए करें
रसोई के कचरे से खाद बनाएं
आप खुद ही खाद बना सकते हैं –
- बचा खाना, सब्जियों के छिलके, चायपत्ती और पत्तियाँ मिलाकर कम्पोस्ट तैयार करें
- इससे मिट्टी उपजाऊ बनेगी और कचरे का निस्तारण भी होगा
Urban Farming के फायदे
- शुद्ध और ताजा सब्जियाँ
- घर में हरियाली और ऑक्सीजन
- बच्चों में प्रकृति के प्रति लगाव
- मानसिक शांति और तनाव से राहत
- घर का जैविक कचरा उपयोग में आता है
- पर्यावरण के लिए फायदेमंद
शुरुआत करने वाले लोगों के लिए सुझाव
- शुरुआत 2–3 पौधों से करें
- पालक, धनिया जैसे फास्ट ग्रोविंग पौधों से शुरुआत करें
- जब अनुभव बढ़े तब बेल वाले पौधे लगाएं
- बारिश में खास ध्यान दें – छत पर जलजमाव ना हो
निष्कर्ष
छत पर खेती करना सिर्फ एक शौक नहीं बल्कि आज के समय की ज़रूरत है।
अगर आप थोड़ी सी मेहनत, धैर्य और सही तकनीक के साथ शुरुआत करेंगे, तो आप न सिर्फ खुद के लिए शुद्ध भोजन उगा पाएंगे, बल्कि पर्यावरण और समाज दोनों के लिए योगदान देंगे।
“हर छत बने खेत – यही हो अब शहरों की नई सोच”